Changes

अधखुले आनन पै अधखुली अलकैँ ।
'''पद्माकर का यह दुर्लभ छन्द श्री राजुल मलहोत्रा महरोत्रा के संग्रह से उपलब्ध हुआ है।
</Poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,616
edits