भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"शीर्षकहीन-2 / गिरधर राठी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= गिरिधर राठी |संग्रह= निमित्त / गिरिधर राठी }} कहीं दूर क...)
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKGlobal}}
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
|रचनाकार= गिरिधर राठी
+
|रचनाकार= गिरधर राठी
|संग्रह= निमित्त / गिरिधर राठी
+
|संग्रह= निमित्त / गिरधर राठी
 
}}
 
}}
  

06:51, 17 जून 2009 का अवतरण

कहीं दूर कहीं दूर कहीं बहुत-बहुत दूर

मुझ से दूर


खिसकता चला जा रहा है

मेरा घर

जो मेरा गाँव भी था

प्रदेश भी

देश भी