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'''स्वागत सौ सौ बार पतन का !'''{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार=महावीर शर्मा |संग्रह=}}<poem>
यदि मेरा अधःपतन तेरे इस जीवन का आधार बने तो,
स्वागत सौ सौ बार पतन का !
मरने पर लाश पड़ी नंगी है, नहीं वहां कुछ काम कफ़न का!
स्वागत सौ सौ बार पतन का !!
महावीर शर्मा</poem>