भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"एक लटका हुआ अरब / सलेम जुबरान" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सलेम जुबरान |संग्रह=फ़िलीस्तीनी कविताएँ / सलेम जुबरान...) |
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
|रचनाकार=सलेम जुबरान | |रचनाकार=सलेम जुबरान | ||
− | |संग्रह= | + | |संग्रह= |
}} | }} | ||
19:45, 23 जून 2009 का अवतरण
एक लटका हुआ अरब
सबसे ख़ूबसूरत खिलौना है
जिसे बच्चे ख़रीद सकते हैं
ओ नाजी शिविरों में मृत आत्माओं!
यह जो आदमी लटका है
बर्लिन का यहूदी नहीं है
एक अरब है मेरी तरह
यह लटका हुआ आदमी
तुम्हारे भाइयों ने इसे मारा है
तुम्हारे नाजी दोस्तों ने
जियोन के......