कवि: [[निदा फ़ाज़ली]]{{KKGlobal}}[[Category:कविताएँ]]{{KKRachna[[Category:गज़ल]][[Category:|रचनाकार=निदा फ़ाज़ली]] ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~}}
नयी-नयी आँखें हों तो हर मंज़र अच्छा लगता है<br>
कुछ दिन शहर में घूमे लेकिन, अब घर अच्छा लगता है ।<br><br>