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"परछाईं / मंगलेश डबराल" के अवतरणों में अंतर

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परछाईं उतनी ही जीवित है
 
परछाईं उतनी ही जीवित है
  

22:15, 24 जून 2009 के समय का अवतरण

परछाईं उतनी ही जीवित है

जितने तुम


तुम्हारे आगे-पीछे

या तुम्हारे भीतर छिपी हुई

या वहाँ जहाँ से तुम चले गये हो ।


(रचनाकाल :1975)