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दो शेर-एक मक़्ता / फ़ानी बदायूनी
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11:10, 7 जुलाई 2009
आज तस्कीने-दर्देदिल ‘फ़ानी’।
वह
भि
भी
चाहा किये मगर न हुई॥
चंद्र मौलेश्वर
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