भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"वर्षा आई / श्याम सुन्दर अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=श्याम सुन्दर अग्रवाल }} Category:बाल-कविताएँ <poem> काल...) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
}} | }} | ||
[[Category:बाल-कविताएँ]] | [[Category:बाल-कविताएँ]] | ||
− | |||
− | काले-काले बादल आए, | + | <poem> |
− | छाई घटा घनघोर। | + | काले-काले बादल आए, |
− | चमक-चमक के बिजली गरजी, | + | छाई घटा घनघोर। |
− | खूब मचाया शोर। | + | चमक-चमक के बिजली गरजी, |
+ | खूब मचाया शोर। | ||
− | लगी चहकने चिड़िया रानी, | + | लगी चहकने चिड़िया रानी, |
− | नाची खूब गिलहरी। | + | नाची खूब गिलहरी। |
बच्चों ने इतना शोर मचाया, | बच्चों ने इतना शोर मचाया, | ||
− | दादी हो गई बहरी।< | + | दादी हो गई बहरी। |
− | + | </poem> |
23:57, 10 जुलाई 2009 का अवतरण
काले-काले बादल आए,
छाई घटा घनघोर।
चमक-चमक के बिजली गरजी,
खूब मचाया शोर।
लगी चहकने चिड़िया रानी,
नाची खूब गिलहरी।
बच्चों ने इतना शोर मचाया,
दादी हो गई बहरी।