भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"रामधारी सिंह "दिनकर"" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
पंक्ति 12: | पंक्ति 12: | ||
* [[रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद]] | * [[रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद]] | ||
* [[लोहे के मर्द]] | * [[लोहे के मर्द]] | ||
+ | * [[मेरे प्यारे देश]] | ||
* [[कलम, आज उनकी जय बोल]] | * [[कलम, आज उनकी जय बोल]] | ||
* [[क्षमा, दया, तप, त्याग, मनोबल]] | * [[क्षमा, दया, तप, त्याग, मनोबल]] |
13:32, 5 अगस्त 2006 का अवतरण
रामधारी सिंह "दिनकर" की कविताएं
- ध्वज-वंदना
- आग की भीख
- बालिका से वधु
- जियो जियो अय हिन्दुस्तान
- कुंजी
- लेन-देन
- निराशावादी
- रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद
- लोहे के मर्द
- मेरे प्यारे देश
- कलम, आज उनकी जय बोल
- क्षमा, दया, तप, त्याग, मनोबल
- रश्मिरथी / सप्तम सर्ग / भाग 1
- रश्मिरथी / सप्तम सर्ग / भाग 2
- रश्मिरथी / सप्तम सर्ग / भाग 3
- रश्मिरथी / सप्तम सर्ग / भाग 4
- रश्मिरथी / सप्तम सर्ग / भाग 5
- रश्मिरथी / सप्तम सर्ग / भाग 6
- रश्मिरथी / सप्तम सर्ग / भाग 7
- रश्मिरथी / सप्तम सर्ग / भाग 8