भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"ज़िंदगी ! ऐ ज़िंदगी ! / फ़राज़" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 34: पंक्ति 34:
 
* [[वफ़ा के बाब में इल्ज़ाम-ए-आशिक़ी न लिया / फ़राज़]]
 
* [[वफ़ा के बाब में इल्ज़ाम-ए-आशिक़ी न लिया / फ़राज़]]
 
* [[ज़ख़्म को फूल तो सरसर को सबा कहते हैं  /  फ़राज़]]
 
* [[ज़ख़्म को फूल तो सरसर को सबा कहते हैं  /  फ़राज़]]
 +
* [तेरा ग़म अपनी जगह दुनिया के ग़म अपनी जगह /  फ़राज़]]
 +
* [वह जो आ जाते थे आँखों में सितारे लेकर  /  फ़राज़]]
 +
* [किसी से दिल की हिकायत कभी  कहा नहीं की  /  फ़राज़]]
 +
* [मुस्तक़िल महरूमियों पर भी तो दिल माना नहीं  /  फ़राज़]]
 +
* [चली है शहर में कैसी हवा उदासी की  /  फ़राज़]]
 +
* [[कल हमने बज़्में यार में क्या-क्या शराब पी / फ़राज़]]

16:24, 25 अगस्त 2009 का अवतरण

ज़िंदगी ! ए ज़िंदगी !
Zindgi-e-zindgi1..JPG
रचनाकार अहमद फ़राज़
प्रकाशक वाणी प्रकाशन, 21- ए , दरिया गंज नई दिल्ली 110002
वर्ष 2008
भाषा हिन्दी
विषय
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 135
ISBN 978-81-8143-680-1
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।