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"ज़िंदगी ! ऐ ज़िंदगी ! / फ़राज़" के अवतरणों में अंतर

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* [[तेरा ग़म अपनी जगह दुनिया के ग़म अपनी जगह /  फ़राज़]]  
 
* [[तेरा ग़म अपनी जगह दुनिया के ग़म अपनी जगह /  फ़राज़]]  
 
* [[वह जो आ जाते थे आँखों में सितारे लेकर  /  फ़राज़]]
 
* [[वह जो आ जाते थे आँखों में सितारे लेकर  /  फ़राज़]]
* [[किसी से दिल की हिकायत कभी कहा नहीं की  /  फ़राज़]]
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* [[किसी से दिल की हिकायत कभी कहा नहीं की  /  फ़राज़]]
 
* [[मुस्तक़िल महरूमियों पर भी तो दिल माना नहीं  /  फ़राज़]]
 
* [[मुस्तक़िल महरूमियों पर भी तो दिल माना नहीं  /  फ़राज़]]
 
* [[चली है शहर में कैसी हवा उदासी की  /  फ़राज़]]
 
* [[चली है शहर में कैसी हवा उदासी की  /  फ़राज़]]
 
* [[कल हमने बज़्में यार में क्या-क्या शराब पी / फ़राज़]]
 
* [[कल हमने बज़्में यार में क्या-क्या शराब पी / फ़राज़]]
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* [[बादल गरज कर रहा था उधर मुहतसिब इधर  / फ़राज़]]
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* [[अँधेरा है तो तोहमत शाम पर नहीं  / फ़राज़]]
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* [[ये दिल मायल है एक सादा अदा पर  / फ़राज़]]
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* [[जब सब के दिलों में घर करे तू  / फ़राज़]]
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* [[शहर में अब कोई दीवाना रहा हो कि न हो  / फ़राज़]]
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* [[आशना कोई सर-ए-शहर सितमगर न मिला  / फ़राज़]]
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* [[ये जान कर भी कि दोनों के रास्ते थे अलग / फ़राज़]]
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* [[वही इश्क़ जो था कभी जुनूँ उसे रोज़गार बना दिया  / फ़राज़]]

17:22, 25 अगस्त 2009 का अवतरण

ज़िंदगी ! ए ज़िंदगी !
Zindgi-e-zindgi1..JPG
रचनाकार अहमद फ़राज़
प्रकाशक वाणी प्रकाशन, 21- ए , दरिया गंज नई दिल्ली 110002
वर्ष 2008
भाषा हिन्दी
विषय
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 135
ISBN 978-81-8143-680-1
विविध
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