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"ज़िंदगी ! ऐ ज़िंदगी ! / फ़राज़" के अवतरणों में अंतर

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* [[ख़ुद कलामी में कब ये नशा था  / फ़राज़]]
 
* [[ख़ुद कलामी में कब ये नशा था  / फ़राज़]]
 
* [[शाम और किरयअ-ऐ-मलाल की शाम  / फ़राज़]]
 
* [[शाम और किरयअ-ऐ-मलाल की शाम  / फ़राज़]]
* [[अमां मांगों न उन से दिल फ़गारा हम न कहते थे   / फ़राज़]]
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* [[अमां मांगों न उन से दिल फ़गारा हम न कहते थे / फ़राज़]]
* [[कल रात हम सुख़न कोई बुत था खुदा कि मैं   / फ़राज़]]
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* [[कल रात हम सुख़न कोई बुत था खुदा कि मैं / फ़राज़]]
* [[नाखुश हैं कभी बुत कभी नाराज़ हरम है   / फ़राज़]]
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* [[नाखुश हैं कभी बुत कभी नाराज़ हरम है / फ़राज़]]
* [[बेनयाज़ाना हमेशा की तरह मिलता है  / फ़राज़]]
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* [[बेनयाज़ाना हमेशा की तरह मिलता है / फ़राज़]]
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* [[कुर्बे जानाँ का न मैख़ाने का मौसम आया / फ़राज़]]
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* [[गए दिनों में मुहब्बत मिज़ाज उसका था / फ़राज़]]
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* [[हम भी शायर थे कभी जान-ए-सुख़न याद नहीं  / फ़राज़]]
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* [[जहाँ के शोर से घबरा गए क्या  / फ़राज़]]
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* [[एक दस्त शनास ने मुझ से कहा तेरे हाथ की रेखाएं है अजब  / फ़राज़]]
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* [[तू एक मतवाला पंछी है इस शाख उड़े उस बाग़ फिरे  / फ़राज़]]
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* [[न जाने ज़र्फ़ था कम या अना ज़्यादा  थी  / फ़राज़]]
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* [[ज़ुअम ऐसा किया कि लुत्फ़-ए-दोस्त ठुकराना पड़े  / फ़राज़]]
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* [[मुन्तज़र कब से तहय्युर है तेरी तक़दीर का  / फ़राज़]]
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* [[तुझे उदास किया ख़ुद भी सोगवार हुए  / फ़राज़]]
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* [[अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख्वाबों में मिलें / फ़राज़]]
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* [[अभी कुछ और करिश्मे ग़ज़ल के देखते हैं  / फ़राज़]]
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* [[न तुझ को मात हुई है न मुझ को मात हुई है  / फ़राज़]]
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* [[जब मुलाक़ात बेइरादा थी  / फ़राज़]]
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* [[जुल्फ को हमसरी का दावा था / फ़राज़]]
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* [[जान से इश्क़ और जहाँ से गुरेज़  / फ़राज़]]
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* [[गैरत-ए- इश्क़  सलामत थी अना जिंदा थी  / फ़राज़]]
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* [[रिदाये ज़ख्म हर गुल पैरहन पहने हुए / फ़राज़]]
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* [[बहुत सैर-ए-गुल-ए-सबा कर चले  / फ़राज़]]
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* [[घर में कितना सन्नाटा बहार कितना शोर  / फ़राज़]]
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* [[उसकी नवाज़िशों ने तो हैरान कर दिया  / फ़राज़]]
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* [[तू किस तरह से ये एहसाँ मगर उतारेगा / फ़राज़]]
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* [[लगी हो आग पर कोई भी घर नहीं  / फ़राज़]]
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* [[गिला फज़ूल था अहद-ए-वफ़ा के होते-होते  / फ़राज़]]
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* [[ग़ज़ल सुन के परेशाँ हो गए क्या  / फ़राज़]]
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* [[ए मेरे बेदर्द शहर  / फ़राज़]]
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* [[अफई की तरह डसने लगी मौज-ए-नफ़स भी  / फ़राज़]]
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* [[दिल में अब ताक़त कहाँ खूनाबा-ए-अफ़शानी करे / फ़राज़]]
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* [[दिल भी बुझा हो शाम की परछाइयाँ भी हो  / फ़राज़]]
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* [[नहीं कि नामाबरों को तलाश करते हैं / फ़राज़]]
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* [[मुसफिरत में भी तस्वीर घर की देखते हैं  / फ़राज़]]
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* [[क्यों तबियत कहीं ठहरती नहीं  / फ़राज़]]
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* [[लगता है कि अब चाहतें आसाँ है ज़्यादा / फ़राज़]]
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* [[हम अहल-ए-दिल को भी किरदार क्या दिए गए हैं  / फ़राज़]]
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* [[चलो कि कूचा-ए-दिलदार चल के  देखते हैं   / फ़राज़]]
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* [[वहशतें बढती गईं हिज्र के आज़ार के साथ / फ़राज़]]
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* [[ये तबियत है तो ख़ुद आज़ार बन जायेंगे हम  / फ़राज़]]
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* [[मलूल कर हमें इतना मलूल कर जानाँ / फ़राज़]]
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* [[नामा-ए-जानाँ / फ़राज़]]
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* [[चाक पैराहनी-ए-गुल को सबा जानती है / फ़राज़]]

20:23, 27 अगस्त 2009 का अवतरण

ज़िंदगी ! ए ज़िंदगी !
Zindgi-e-zindgi1..JPG
रचनाकार अहमद फ़राज़
प्रकाशक वाणी प्रकाशन, 21- ए , दरिया गंज नई दिल्ली 110002
वर्ष 2008
भाषा हिन्दी
विषय
विधा ग़ज़ल
पृष्ठ 135
ISBN 978-81-8143-680-1
विविध
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