भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"कुछ बाल कविताएँ / देवी नांगरानी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=देवी नांगरानी }} Category:बाल-कविताएँ '''१'''<br> गुड़िया रानी, ग...)
 
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
 
|रचनाकार=देवी नांगरानी
 
|रचनाकार=देवी नांगरानी
 
}}  
 
}}  
[[Category:बाल-कविताएँ]]
+
<KKCatBaalKavita}}
 +
<poem>
 +
'''१'''
 +
गुड़िया रानी, गुड़िया रानी,
 +
तू क्यों भई उदास
 +
बन संवर कर आज है जाना
 +
तुझे पिया के पास
  
''''''<br>
+
''''''
गुड़िया रानी, गुड़िया रानी,<br>
+
ऐ री बंदरिया मेरी
तू क्यों भई उदास<br>
+
पूंछ कहाँ है तेरी
बन संवर कर आज है जाना<br>
+
ढूँढ उसे यूँ बाहर भीतर
तुझे पिया के पास<br><br>
+
नींद उड़ी है मेरी
  
''''''<br>
+
''''''
ऐ री बंदरिया मेरी<br>
+
कौए काका
पूंछ कहाँ है तेरी<br>
+
पास में आजा
ढूँढ उसे यूँ बाहर भीतर<br>
+
मुन्ना खाए
नींद उड़ी है मेरी<br><br>
+
रोटी आजा
  
'''३'''<br>
+
'''४'''
कौए काका<br>
+
बंदर राजा
पास में आजा<br>
+
पूंछ हिला जा
मुन्ना खाए<br>
+
मुन्ना रोया आज बहुत है
रोटी आजा<br><br>
+
आकर उसे हंसा जा
 
+
'''४'''<br>
+
बंदर राजा<br>
+
पूंछ हिला जा<br>
+
मुन्ना रोया आज बहुत है<br>
+
आकर उसे हंसा जा<br><br>
+
  
 
'''५'''<br>
 
'''५'''<br>
आया आया चंदामामा<br>
+
आया आया चंदामामा
जाने क्यों कर चोरी चोरी<br>
+
जाने क्यों कर चोरी चोरी
नील गगन से धरती पर ये<br>
+
नील गगन से धरती पर ये
सुनने ममता की अब लोरी<br><br>
+
सुनने ममता की अब लोरी
 +
 
 +
'''६'''
 +
जीवन नैया
 +
कर ले पार
 +
है क्या जीवन
 +
:बहती धार
 +
दुख सुख मन के
 +
:है आधार
 +
सच का अपना
 +
:अलग निखार
 +
ममता देवी
 +
:मेरा प्यार
  
'''६'''<br>
+
</poem>
जीवन नैया<br>
+
:कर ले पार<br>
+
है क्या जीवन<br>
+
:बहती धार<br>
+
दुख सुख मन के<br>
+
:है आधार<br>
+
सच का अपना<br>
+
:अलग निखार<br>
+
ममता देवी<br>
+
:मेरा प्यार<br><br>
+

20:03, 28 अगस्त 2009 का अवतरण

<KKCatBaalKavita}}


गुड़िया रानी, गुड़िया रानी,
तू क्यों भई उदास
बन संवर कर आज है जाना
तुझे पिया के पास


ऐ री बंदरिया मेरी
पूंछ कहाँ है तेरी
ढूँढ उसे यूँ बाहर भीतर
नींद उड़ी है मेरी


कौए काका
पास में आजा
मुन्ना खाए
रोटी आजा


बंदर राजा
पूंछ हिला जा
मुन्ना रोया आज बहुत है
आकर उसे हंसा जा



आया आया चंदामामा
जाने क्यों कर चोरी चोरी
नील गगन से धरती पर ये
सुनने ममता की अब लोरी


जीवन नैया
कर ले पार
है क्या जीवन
बहती धार
दुख सुख मन के
है आधार
सच का अपना
अलग निखार
ममता देवी
मेरा प्यार