भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बीता इकतीस बरस जीवन / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरिवंशराय बच्चन |संग्रह=एकांत-संगीत / हरिवंशरा...)
 
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=एकांत-संगीत / हरिवंशराय बच्चन
 
|संग्रह=एकांत-संगीत / हरिवंशराय बच्चन
 
}}
 
}}
 +
{{KKCatKavita}}
 
<poem>
 
<poem>
 
बीता इकतीस बरस जीवन!
 
बीता इकतीस बरस जीवन!

14:15, 28 सितम्बर 2009 के समय का अवतरण

बीता इकतीस बरस जीवन!

वे सब साथी ही हैं मेरे,
जिनको गृह-गृहिणी-शिशु घेरे,
जिनके उर में है शान्ति बसी, जिनका मुख है सुख का दर्पण!
बीता इकतीस बरस जीवन!

कब उनका भाग्य सिहाता हूँ,
उनके सुख में सुख पाता हूँ,
पर कभी-कभी उनसे अपनी तुलना कर उठता मेरा मन!
बीता इकतीस बरस जीवन!

मैं जोड़ सका यह निधि सयत्न-
खंड़ित आशाएँ, स्वप्न भग्न,
असफल प्रयोग, असफल प्रयत्न,
कुछ टूटे फूटे शब्दों में अपने टूटे दिल का क्रंदन!
बीता इकतीस बरस जीवन!