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"आस्था-3 / राजीव रंजन प्रसाद" के अवतरणों में अंतर

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सपना ही तो टूटा है<br />
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|रचनाकार=राजीव रंजन प्रसाद
मौत ही तो आई है मुझे<br />
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जी नहीं पाओगे तुम लेकिन<br />
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इतनी तो आस्था है तुम्हे<br />
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सपना ही तो टूटा है
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इतनी तो आस्था है तुम्हे
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मुझपर..
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15:53, 30 सितम्बर 2009 का अवतरण

सपना ही तो टूटा है
मौत ही तो आई है मुझे
जी नहीं पाओगे तुम लेकिन
इतनी तो आस्था है तुम्हे
मुझपर..