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"लहरों में साथ रहे कोई / त्रिलोचन" के अवतरणों में अंतर
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20:37, 4 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण
बाँह गहे कोई
अपरिचय के
सागर में
दृष्टि को पकड़ कर
कुछ बात कहे कोई ।
लहरें ये
लहरें वे
इनमें ठहराव कहाँ
पल
दो पल
लहरों के साथ रहे कोई ।