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"छह शिशु कविताएँ / दीनदयाल शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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23:36, 10 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

1.

मक्खियाँ भिनभिनाती हैं,
मच्छर गुनगुनाते हैं
चुपचाप उड़ती है तितली
भँवरे गीत सुनाते हैं|
2.

कुत्ते भौंकते भों-भों-भों,
गाय और बैल रंभाते हैं.
गधे रेंकते ढेंचूँ-ढेंचूँ
घोड़े हिनहिनाते हैं।

3. इन्द्रधनुष

बरखा जैसे ही हो गई बंद
फ़ैली धरा पे हवा सुगंध
सूरज की विपरीत दिशा में
खड़ा था सतरंगी पाबन्द।

4. बादल

आसमान में छाए बदल
पानी भर-भर लाए बादल
रिमझिम-रिमझिम बरखा करते
सबके मन को भाए बादल.

5. मोर

आसमान में बादल आते
मोर नाचते सबको भाते
सबका लेते हैं चितचोर
कितने सुन्दर लगते मोर।

6.

म्याऊँ म्याऊँ बिल्ली करती
चूहा चूँ चूँ करता है
कुकडू कूँ की बांग लगाता,
मुर्गा जल्दी उठता है।