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रमा लो मांग में सिन्दूरी छलना... | रमा लो मांग में सिन्दूरी छलना... | ||
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फिर बेटी विज्ञापन लेने निकलना... | फिर बेटी विज्ञापन लेने निकलना... | ||
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तुम्हारी चाची को यह गुर कहाँ था मालूम! | तुम्हारी चाची को यह गुर कहाँ था मालूम! | ||
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हाथ न हुए पीले | हाथ न हुए पीले | ||
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विधि विहित पत्नी किसी की हो न सकीं | विधि विहित पत्नी किसी की हो न सकीं | ||
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चौरंगी के पीछे वो जो होटल है | चौरंगी के पीछे वो जो होटल है | ||
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और उस होटल का | और उस होटल का | ||
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वो जो मुच्छड़ रौबीला बैरा है | वो जो मुच्छड़ रौबीला बैरा है | ||
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ले गया सपने में बार-बार यादवपुर | ले गया सपने में बार-बार यादवपुर | ||
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कैरियर पे लाद के कि आख़िर शादी तो होगी ही | कैरियर पे लाद के कि आख़िर शादी तो होगी ही | ||
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नहीं? मैं झूठ कहता हूँ? | नहीं? मैं झूठ कहता हूँ? | ||
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ओ, हे युग नन्दिनी विज्ञापन सुन्दरी, | ओ, हे युग नन्दिनी विज्ञापन सुन्दरी, | ||
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गलाती है तुम्हारी मुस्कान की मृदु मद्धिम आँच | गलाती है तुम्हारी मुस्कान की मृदु मद्धिम आँच | ||
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धन-कुलिश हिय-हम कुबेर के छौनों को | धन-कुलिश हिय-हम कुबेर के छौनों को | ||
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क्या ख़ूब! | क्या ख़ूब! | ||
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क्या ख़ूब | क्या ख़ूब | ||
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कर लाई सिक्योर विज्ञापन के आर्डर! | कर लाई सिक्योर विज्ञापन के आर्डर! | ||
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क्या कहा? | क्या कहा? | ||
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डेढ़ हज़ार? | डेढ़ हज़ार? | ||
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अजी, वाह, सत्रह सौ! | अजी, वाह, सत्रह सौ! | ||
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सत्रह सौ के विज्ञापन? | सत्रह सौ के विज्ञापन? | ||
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आओ, बेटी, आ जाओ, पास बैठो | आओ, बेटी, आ जाओ, पास बैठो | ||
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तफसील में बताओ... | तफसील में बताओ... | ||
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कहाँ-कहाँ जाना पड़ा? कै-कै बार? | कहाँ-कहाँ जाना पड़ा? कै-कै बार? | ||
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क्लाइव रोड? | क्लाइव रोड? | ||
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डलहौजी? | डलहौजी? | ||
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चौरंगी? | चौरंगी? | ||
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ब्रेबोर्न रोड? | ब्रेबोर्न रोड? | ||
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बर्बाद हुए तीन रोज़ : पाँच शामें ? | बर्बाद हुए तीन रोज़ : पाँच शामें ? | ||
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कोई बात नहीं... | कोई बात नहीं... | ||
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कोई बात नहीं... | कोई बात नहीं... | ||
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आओ, आओ, तफ़सील में बतलाओ! | आओ, आओ, तफ़सील में बतलाओ! | ||
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12:40, 25 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण
रमा लो मांग में सिन्दूरी छलना...
फिर बेटी विज्ञापन लेने निकलना...
तुम्हारी चाची को यह गुर कहाँ था मालूम!
हाथ न हुए पीले
विधि विहित पत्नी किसी की हो न सकीं
चौरंगी के पीछे वो जो होटल है
और उस होटल का
वो जो मुच्छड़ रौबीला बैरा है
ले गया सपने में बार-बार यादवपुर
कैरियर पे लाद के कि आख़िर शादी तो होगी ही
नहीं? मैं झूठ कहता हूँ?
ओ, हे युग नन्दिनी विज्ञापन सुन्दरी,
गलाती है तुम्हारी मुस्कान की मृदु मद्धिम आँच
धन-कुलिश हिय-हम कुबेर के छौनों को
क्या ख़ूब!
क्या ख़ूब
कर लाई सिक्योर विज्ञापन के आर्डर!
क्या कहा?
डेढ़ हज़ार?
अजी, वाह, सत्रह सौ!
सत्रह सौ के विज्ञापन?
आओ, बेटी, आ जाओ, पास बैठो
तफसील में बताओ...
कहाँ-कहाँ जाना पड़ा? कै-कै बार?
क्लाइव रोड?
डलहौजी?
चौरंगी?
ब्रेबोर्न रोड?
बर्बाद हुए तीन रोज़ : पाँच शामें ?
कोई बात नहीं...
कोई बात नहीं...
आओ, आओ, तफ़सील में बतलाओ!