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"किधर गई बातें / अशोक चक्रधर" के अवतरणों में अंतर

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चलती रहीं
 
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चलती रहीं बातें
 
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यहाँ की, वहाँ की
 
यहाँ की, वहाँ की
 
 
इधर की, उधर की
 
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इसकी, उसकी
 
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जने किस-किस की,
 
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कि
 
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एकएक
 
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सिर्फ़ उसकी आँखों को देखा मैंने
 
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उसने देखा मेरा देखना ।
 
उसने देखा मेरा देखना ।
 
 
और... तो फिर...
 
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किधर गईं बातें,
 
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कहाँ गईं बातें ?
 
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09:49, 28 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

चलती रहीं
चलती रहीं
चलती रहीं बातें
यहाँ की, वहाँ की
इधर की, उधर की
इसकी, उसकी
जने किस-किस की,
कि
एकएक
सिर्फ़ उसकी आँखों को देखा मैंने
उसने देखा मेरा देखना ।
और... तो फिर...

किधर गईं बातें,
कहाँ गईं बातें ?