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"पर्वत / अचल वाजपेयी" के अवतरणों में अंतर
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वे कभी | वे कभी | ||
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पर्वत देखते हैं | पर्वत देखते हैं | ||
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कभी अपने बीमार कंधे | कभी अपने बीमार कंधे | ||
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मैं उन दोनों को | मैं उन दोनों को | ||
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देर तक देखता रहता हूँ | देर तक देखता रहता हूँ | ||
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एक खेल | एक खेल | ||
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अवसर देता है | अवसर देता है | ||
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23:59, 31 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण
वे कभी
पर्वत देखते हैं
कभी अपने बीमार कंधे
मैं उन दोनों को
देर तक देखता रहता हूँ
एक खेल
जो पर्वत को
हम पर थूकने का
अवसर देता है