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दो चिराग़ / अली सरदार जाफ़री
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04:18, 6 नवम्बर 2009
|रचनाकार=अली सरदार जाफ़री
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तीरगी के सियाह ग़ारों से
शहपरों की सदाएँ आती हैं
दोनों हैं आग दोनों हैं शो’ला
दोनों बिजली के ख़ानदान से हैं
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