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|रचनाकार=अली सरदार जाफ़री
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तीरगी के सियाह ग़ारों से
शहपरों की सदाएँ आती हैं
दोनों हैं आग दोनों हैं शो’ला
दोनों बिजली के ख़ानदान से हैं
 
 
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