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"निवाला / अली सरदार जाफ़री" के अवतरणों में अंतर
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बाप मसरूफ़१ सूति मिल में है | बाप मसरूफ़१ सूति मिल में है |
10:03, 6 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
माँ है रेशम के कारख़ाने में
बाप मसरूफ़१ सूति मिल में है
कोख से माँ की जब से निकला है
बच्चा खोली के काले दिल में है
जब यहाँ से निकल के जाएगा
कारख़ानों के काम आएगा
अपने मजबूर पेट की ख़ातिर
भूक सरमाए की बढ़ाएगा
हाथ सोने के फूल उगलेंगे
जिस्म चाँदी का धन लुटाएगा
खिड़कियाँ होंगी बैंक की रौशन
ख़ून उसका दिये जलाएगा
यह जो नन्हा है भोला-भाला है
सिर्फ़ सरमाये का निवाला है
पूछती है यह उसकी ख़ामोशी
कोई मुझको बचाने वाला है