"सिन्दबाद : सात / अवतार एनगिल" के अवतरणों में अंतर
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13:25, 6 नवम्बर 2009 का अवतरण
वह कथानक है, सम्राट नहीं
तिस पर भी, आज बादशाह सलामत ने
उसकी दावत कबूल की
उसकी नायाब बांदियों ने
हुज़ूर को ख़िदमत से खुश किया ।
तिस पर भी
सम्राट को विदा करते हुए
सिंदबाद ने उनकी गहरी आंखों में झांका
ईर्ष्या की दहकती लपट ने
उसे चिंतित किया।
दर्पण के सामने आकर
वह तना
एक जाम और उडेला
और अपने आपको
सागर के सपनों को सौंप दिया
परेशान सपनों में
सफ़ेद हाथी की सवारी करते हुए
हाथीदांत की तलाश में भटकने लगा ।
सिंदबाद नहीं जानता
कि सुबह उसे बुलावा आएगा
सम्राट और साम्राज्य
उसकी यात्राओं के अनुभव से
फायदा उठायेंगे
और उसे दूत बनाकर
इस राजधानी से उस राजधानी तक
सातवां सफ़र करना होगा ।
नहीं जानता सपनों में मग्न सिंदबाद
कि कल के बाद सम्राट स्वयं
उसकी यात्राओं के सचित सुख की
सलामती के संरक्षक बनेंगे
कि नींद से जागते ही
सुरा, सुन्दरी और स्वर्ण का स्वामी सिंदबाद
सम्राट की सत्ता के हथियार की मार सहेगा ।