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"अश्रांत आविर्भाव / इला कुमार" के अवतरणों में अंतर
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सड़क की खुरदरी सतह हो | सड़क की खुरदरी सतह हो | ||
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या सुचिक्कन प्रासाद का प्रवेशद्वार | या सुचिक्कन प्रासाद का प्रवेशद्वार | ||
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कोई बढ़ता चलता है | कोई बढ़ता चलता है | ||
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हर पल पर साथ साथ | हर पल पर साथ साथ | ||
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निर्जन वनों में | निर्जन वनों में | ||
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ऊंचे पहाड़ों तले फैली विस्तृत चरागाहों में | ऊंचे पहाड़ों तले फैली विस्तृत चरागाहों में | ||
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शांत उदास सडकों पर | शांत उदास सडकों पर | ||
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किसी भी अमूर्त से पलांश में | किसी भी अमूर्त से पलांश में | ||
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अचानक अवतरित हो उठता है पाशर्व में | अचानक अवतरित हो उठता है पाशर्व में | ||
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भरमाता-सा | भरमाता-सा | ||
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अपनी उदार बाहों में भर चौंका देता है | अपनी उदार बाहों में भर चौंका देता है | ||
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एक दिलासा | एक दिलासा | ||
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मैं हूँ | मैं हूँ | ||
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हर पल तुम्हारे साथ | हर पल तुम्हारे साथ | ||
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हर पग को थामता | हर पग को थामता | ||
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सूर्य का यह अश्रांत आविर्भाव | सूर्य का यह अश्रांत आविर्भाव | ||
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19:38, 9 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
सड़क की खुरदरी सतह हो
या सुचिक्कन प्रासाद का प्रवेशद्वार
कोई बढ़ता चलता है
हर पल पर साथ साथ
निर्जन वनों में
ऊंचे पहाड़ों तले फैली विस्तृत चरागाहों में
शांत उदास सडकों पर
किसी भी अमूर्त से पलांश में
अचानक अवतरित हो उठता है पाशर्व में
भरमाता-सा
अपनी उदार बाहों में भर चौंका देता है
एक दिलासा
मैं हूँ
हर पल तुम्हारे साथ
हर पग को थामता
सूर्य का यह अश्रांत आविर्भाव