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"उसकी हँसी / आर. चेतनक्रांति" के अवतरणों में अंतर

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एक मर्द हँसा
 
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हँसा वह छत पर खड़ा होकर
 
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छाती से बनियान हटाकर
 
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फिर उसने एक टाँग निकाली
 
फिर उसने एक टाँग निकाली
 
 
और उसे मुंडेर पर रखकर फिर हँसा
 
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हँसा एक मर्द
 
हँसा एक मर्द
 
 
मुट्ठियों से जाँघें ठोंकते हुए एक मर्द हँसा
 
मुट्ठियों से जाँघें ठोंकते हुए एक मर्द हँसा
 
  
 
उसने हवा खींची
 
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गाल फुलाए और
 
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आँखों से दूर तक देखा
 
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फिर हँसा
 
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हँसा वह मर्द
 
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मुट्ठियाँ भींचकर उसने कुछ कहा
 
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और फिर हँसा
 
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सूरज डूब रहा था धरती उदास थी ।
 
सूरज डूब रहा था धरती उदास थी ।
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00:41, 10 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

एक मर्द हँसा
हँसा वह छत पर खड़ा होकर
छाती से बनियान हटाकर

फिर उसने एक टाँग निकाली
और उसे मुंडेर पर रखकर फिर हँसा
हँसा एक मर्द
मुट्ठियों से जाँघें ठोंकते हुए एक मर्द हँसा

उसने हवा खींची
गाल फुलाए और
आँखों से दूर तक देखा
फिर हँसा
हँसा वह मर्द
मुट्ठियाँ भींचकर उसने कुछ कहा
और फिर हँसा
सूरज डूब रहा था धरती उदास थी ।