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"टहनी पर फूल जब खिला / उमाकांत मालवीय" के अवतरणों में अंतर

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टहनी पर फूल जब खिला  
 
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हमसे देखा नहीं गया ।  
 
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एक फूल निवेदित किया  
 
एक फूल निवेदित किया  
 
 
गुलदस्ते के हिसाब में  
 
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पुस्तक में एक रख दिया  
 
पुस्तक में एक रख दिया  
 
 
एक पत्र के जवाब में ।  
 
एक पत्र के जवाब में ।  
 
 
शोख रंग उठे झिलमिला  
 
शोख रंग उठे झिलमिला  
 
 
हमसे देखा नहीं गया ।  
 
हमसे देखा नहीं गया ।  
  
 
प्रतिमा को  
 
प्रतिमा को  
 
 
औ समाधि को  
 
औ समाधि को  
 
 
छिन भर विश्वास के लिये  
 
छिन भर विश्वास के लिये  
 
 
एक फूल जूड़े को भी  
 
एक फूल जूड़े को भी  
 
 
गुनगुनी उसांस के लिये ।
 
गुनगुनी उसांस के लिये ।
 
 
आलिगुंजन गंध सिलसिला  
 
आलिगुंजन गंध सिलसिला  
 
 
हमसे देखा नहीं गया ।  
 
हमसे देखा नहीं गया ।  
 
 
  
 
एक फूल विसर्जित हुआ  
 
एक फूल विसर्जित हुआ  
 
 
मिथ्या सौंदर्य-बोध को  
 
मिथ्या सौंदर्य-बोध को  
 
 
अचकन की शान के लिये  
 
अचकन की शान के लिये  
 
 
युग के कापुरुष क्रोध को  
 
युग के कापुरुष क्रोध को  
 
 
व्यंग टीस उठी तिलमिला ।  
 
व्यंग टीस उठी तिलमिला ।  
 
 
हमसे देखा नहीं गया ।
 
हमसे देखा नहीं गया ।
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20:23, 13 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

टहनी पर फूल जब खिला
हमसे देखा नहीं गया ।

एक फूल निवेदित किया
गुलदस्ते के हिसाब में
पुस्तक में एक रख दिया
एक पत्र के जवाब में ।
शोख रंग उठे झिलमिला
हमसे देखा नहीं गया ।

प्रतिमा को
औ समाधि को
छिन भर विश्वास के लिये
एक फूल जूड़े को भी
गुनगुनी उसांस के लिये ।
आलिगुंजन गंध सिलसिला
हमसे देखा नहीं गया ।

एक फूल विसर्जित हुआ
मिथ्या सौंदर्य-बोध को
अचकन की शान के लिये
युग के कापुरुष क्रोध को
व्यंग टीस उठी तिलमिला ।
हमसे देखा नहीं गया ।