भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सफ़र / जया जादवानी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= जया जादवानी |संग्रह=उठाता है कोई एक मुट्ठी ऐश्व…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
02:25, 19 नवम्बर 2009 का अवतरण
सारी इच्छाएँ वैसे नहीं झरतीं
जैसे सूखे पत्ते
कुछ सूखे बीजों-सी
पैरों के नीचे आकर भी
फिर उसी ज़मीन पर
रच लेतीं रंग रूप आकार अपना
यूँ बार-बार जन्मने मरने के बीच
वे ढूँढ़ती हैं बेस्वाद
जीवन में स्वाद
यूँ वे बिना कहीं पहुँचे
अपने सफ़र में रहती हैं।