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तानाशाही मिटे , | तानाशाही मिटे , | ||
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सम्प्रदाय औ' जातिवाद की | सम्प्रदाय औ' जातिवाद की | ||
धुंध कटे , अंधियार छंटे ! | धुंध कटे , अंधियार छंटे ! | ||
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गति को वरें - | गति को वरें - | ||
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प्राणों की पुकार को | प्राणों की पुकार को | ||
सुन लें ! | सुन लें ! | ||
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अब तक का इतिहास यही है : | अब तक का इतिहास यही है : | ||
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सब | सब | ||
जनता के खसम बन गए ! | जनता के खसम बन गए ! | ||
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ऐसा ही होता आया है ! | ऐसा ही होता आया है ! | ||
ऐसा ही होने वाला है !! | ऐसा ही होने वाला है !! | ||
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लोक शक्ति मुहताज रहेगी | लोक शक्ति मुहताज रहेगी | ||
त्रिशंकुओं के तंत्र मंत्र की ? | त्रिशंकुओं के तंत्र मंत्र की ? | ||
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लोकतंत्र में जो निर्णय हो | लोकतंत्र में जो निर्णय हो | ||
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कुर्सीवालों के समक्ष अब | कुर्सीवालों के समक्ष अब | ||
एक समांतर लोकपक्ष हो !! | एक समांतर लोकपक्ष हो !! | ||
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जो हो , | जो हो , | ||
जनता की इच्छा से तय हो ! | जनता की इच्छा से तय हो ! | ||
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लोकतंत्र का पर्व शुभंकर | लोकतंत्र का पर्व शुभंकर | ||
मंगलमय हो !! | मंगलमय हो !! | ||
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20:20, 24 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
लोकतंत्र का पर्व शुभंकर
मंगलमय हो !
तानाशाही मिटे ,
उपनिवेशी सोच हटे ,
सम्प्रदाय औ' जातिवाद की
धुंध कटे , अंधियार छंटे !
गति को वरें -
प्रगति को चुन लें -
दलबंदी के दलदल में जो
संविधान के पाँव फँसे हैं !
धनबल,भुजबल की कीचड में
जन गण जो आकंठ धँसे हैं ,
प्राणों की पुकार को
सुन लें !
अब तक का इतिहास यही है :
प्रभुता पाकर
सब
जनता के खसम बन गए !
ऐसा ही होता आया है !
ऐसा ही होने वाला है !!
कब तक
लोक शक्ति मुहताज रहेगी
त्रिशंकुओं के तंत्र मंत्र की ?
लोकतंत्र में जो निर्णय हो
नीर - क्षीर सबके समक्ष हो !
कुर्सीवालों के समक्ष अब
एक समांतर लोकपक्ष हो !!
जो हो ,
जनता की इच्छा से तय हो !
लोकतंत्र का पर्व शुभंकर
मंगलमय हो !!