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* [[फ़िराक़-ए-यार ने बेचैन मुझको रात भर रक्खा / अमीर मीनाई]] | * [[फ़िराक़-ए-यार ने बेचैन मुझको रात भर रक्खा / अमीर मीनाई]] | ||
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अमीर मीनाई
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जन्म | 1828 |
---|---|
निधन | 1901 |
जन्म स्थान | लखनऊ |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
अमीर मीनाई / परिचय |
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- उस की हसरत है जिसे दिल से मिटा भी न सकूँ / अमीर मीनाई
- तुन्द मै और ऐसे कमसिन के लिये / अमीर मीनाई
- सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता-आहिस्ता / अमीर मीनाई
- कह रही है हश्र में वो आँख शर्माई हुई / अमीर मीनाई
- जब से बुलबुल तूने दो तिनके लिये / अमीर मीनाई
- इश्क़ में जाँ से गुज़रते हैं गुज़रने वाले / अमीर मीनाई
- हँस के फ़रमाते हैं वो देख कर हालत मेरी / अमीर मीनाई
- बन्दा नवाज़ियों पे खु़दा-ए-करीम था / अमीर मीनाई
- अच्छे ईसा हो मरीज़ों का ख़याल अच्छा है / अमीर मीनाई
- झोंका इधर न आये नसीम-ए-बहार का / अमीर मीनाई
- है दिल को शौक़ उस बुत-ए-क़ातिल की दीद का / अमीर मीनाई
- फ़िराक़-ए-यार ने बेचैन मुझको रात भर रक्खा / अमीर मीनाई
- कैदी जो था दिल से खरीदर हो गया / अमीर मीनाई
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