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"ज्योति पर्व : ज्योति वंदना / नरेन्द्र शर्मा" के अवतरणों में अंतर
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चरण धरो, दीपंकर, | चरण धरो, दीपंकर, | ||
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दिशि-दिशि में चरण धूलि | दिशि-दिशि में चरण धूलि | ||
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आओ, नक्षत्र-पुरुष, | आओ, नक्षत्र-पुरुष, | ||
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परम व्योमचारी! | परम व्योमचारी! | ||
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आओ तुम, दीपों को | आओ तुम, दीपों को | ||
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चरणों में स्वर्ण-हास | चरणों में स्वर्ण-हास | ||
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पा कर आलोक, | पा कर आलोक, | ||
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12:08, 8 दिसम्बर 2009 का अवतरण
जीवन की अंधियारी
रात हो उजारी!
धरती पर धरो चरण
तिमिर-तम हारी
परम व्योमचारी!
चरण धरो, दीपंकर,
जाए कट तिमिर-पाश!
दिशि-दिशि में चरण धूलि
छाए बन कर-प्रकाश!
आओ, नक्षत्र-पुरुष,
गगन-वन-विहारी
परम व्योमचारी!
आओ तुम, दीपों को
निरावरण करे निशा!
चरणों में स्वर्ण-हास
बिखरा दे दिशा-दिशा!
पा कर आलोक,
मृत्यु-लोक हो सुखारी
नयन हों पुजारी!