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"विध्वंस का स्वर्ग / शलभ श्रीराम सिंह" के अवतरणों में अंतर

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'''रचनाकाल : 1991'''
 
'''रचनाकाल : 1991'''
  
'''शलभ श्रीराम सिंह की यह रचना उनकी निजी डायरी से कविता कोश को चित्रकार और हिन्दी के कवि कुँअर रविन्द्र के सहयोग से प्राप्त हुई। शलभ जी मृत्यु से पहले अपनी डायरियाँ और रचनाएँ उन्हें सौंप गए थे।'''
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'''शलभ श्रीराम सिंह की यह रचना उनकी निजी डायरी से कविता कोश को चित्रकार और हिन्दी के कवि [[कुँअर रवीन्द्र]] के सहयोग से प्राप्त हुई। शलभ जी मृत्यु से पहले अपनी डायरियाँ और रचनाएँ उन्हें सौंप गए थे।'''
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02:47, 18 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण


चिड़िया की चोंच से छिटके दाने की तरह
विचार गिरा है भूमि पर अभी-अभी
ध्वंस का संकेत पा चुकी है पृथ्वी

विस्फोट कितना शांत है
कितना शांत है नष्ट होने के क्रम में संसार
ब्रह्मांड कितना शांत है
नयी सृष्टि के सपनों से लैस

आकृतियों का उच्छृंखल अनुनाद
ध्वनियों में धधक भर रहा है दिन-रात
कि कोई छाया ही बची रह जाए कहीं छोटी-सी

मृत्यु की पलकें धीरे-धीरे खुल रही हैं
जीवन को जन्म लेता देखने के लिए
बार-बार

नाश के मानचित्र में
अंकित हो रहा है
विध्वंस का स्वर्ग


रचनाकाल : 1991

शलभ श्रीराम सिंह की यह रचना उनकी निजी डायरी से कविता कोश को चित्रकार और हिन्दी के कवि कुँअर रवीन्द्र के सहयोग से प्राप्त हुई। शलभ जी मृत्यु से पहले अपनी डायरियाँ और रचनाएँ उन्हें सौंप गए थे।