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"समय के निशान / रश्मि रेखा" के अवतरणों में अंतर
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14:13, 26 दिसम्बर 2009 का अवतरण
एक अर्से बाद
तुम्हारे अक्षरों से मुलाक़ात हुई
वे वैसे नहीं लगे
जैसे वे मेरे पास हैं
भविष्य के सपने देखते
मेरे अक्षर भी तो
रोशनी के अन्धेरे से जूझ रहे हैं
अब तो अपने से मिलना भी
अपने को बहुत दुखी करना है
यह सब जानते हुए भी
एक ख़त अपने दोस्त को लिखा
उसे बहुत उदास कर दिया
ख़त मिलने की ख़ुशी के बावजूद
समय चाहे जितनी तेज़ी से
नाप ले डगर
अमिट ही रह जाते हैं
उसके क़दमों के निशान