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12:27, 27 दिसम्बर 2009 का अवतरण


वह आई थी
उस ढलान पर चढ़ती
जो काटता था हमारी गली को

मस्त है
हलकी है
और उतनी ही साफ है वह
जितना बिन बदली आकाश

परिपूर्ण प्रुनेल1
तब तक के लिए
जब तक रात की रानी
दिन को
उल्लुओं के हवाले नहीं करती

शब्दार्थ :

1 एक प्रकार का पक्षी


मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी