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"पिन बहुत सारे (कविता) / कुँअर बेचैन" के अवतरणों में अंतर
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परिवार की | परिवार की | ||
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है जिंदगी | है जिंदगी | ||
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वेतनों का अर्थ | वेतनों का अर्थ | ||
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चुकना हो गया है | चुकना हो गया है | ||
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और चुकने के लिए हैं | और चुकने के लिए हैं | ||
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− | '''''-- यह कविता [[Dr.Bhawna Kunwar]] द्वारा कविता कोश में डाली गयी है।< | + | </poem> |
14:40, 30 दिसम्बर 2009 का अवतरण
जिंदगी का अर्थ
मरना हो गया है
और जीने के लिये हैं
दिन बहुत सारे ।
इस
समय की मेज़ पर
रक्खी हुई
जिंदगी है 'पिन-कुशन' जैसी
दोस्ती का अर्थ
चुभना हो गया है
और चुभने के लिए हैं
पिन बहुत सारे।
निम्न-मध्यमवर्ग के
परिवार की
अल्पमासिक आय-सी
है जिंदगी
वेतनों का अर्थ
चुकना हो गया है
और चुकने के लिए हैं
ऋण बहुत सारे।
-- यह कविता Dr.Bhawna Kunwar द्वारा कविता कोश में डाली गयी है।