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"बताता जा रे अभिमानी! / महादेवी वर्मा" के अवतरणों में अंतर

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बताता जा रे अभिमानी!
 
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कण-कण उर्वर करते लोचन
 
कण-कण उर्वर करते लोचन
 
 
स्पन्दन भर देता सूनापन
 
स्पन्दन भर देता सूनापन
 
 
जग का धन मेरा दुख निर्धन
 
जग का धन मेरा दुख निर्धन
 
 
तेरे वैभव की भिक्षुक या
 
तेरे वैभव की भिक्षुक या
 
 
कहलाऊँ रानी!
 
कहलाऊँ रानी!
 
 
बताता जा रे अभिमानी!
 
बताता जा रे अभिमानी!
 
  
 
दीपक-सा जलता अन्तस्तल
 
दीपक-सा जलता अन्तस्तल
 
 
संचित कर आँसू के बादल
 
संचित कर आँसू के बादल
 
 
लिपटी है इससे प्रलयानिल,
 
लिपटी है इससे प्रलयानिल,
 
 
क्या यह दीप जलेगा तुझसे
 
क्या यह दीप जलेगा तुझसे
 
 
 
भर हिम का पानी?
 
भर हिम का पानी?
 
 
बताता जा रे अभिमानी!
 
बताता जा रे अभिमानी!
 
  
 
चाहा था तुझमें मिटना भर
 
चाहा था तुझमें मिटना भर
 
 
दे डाला बनना मिट-मिटकर
 
दे डाला बनना मिट-मिटकर
 
 
यह अभिशाप दिया है या वर;
 
यह अभिशाप दिया है या वर;
 
 
पहली मिलन कथा हूँ या मैं
 
पहली मिलन कथा हूँ या मैं
 
 
चिर-विरह कहानी!
 
चिर-विरह कहानी!
 
 
बताता जा रे अभिमानी!
 
बताता जा रे अभिमानी!
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14:35, 4 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण

बताता जा रे अभिमानी!

कण-कण उर्वर करते लोचन
स्पन्दन भर देता सूनापन
जग का धन मेरा दुख निर्धन
तेरे वैभव की भिक्षुक या
कहलाऊँ रानी!
बताता जा रे अभिमानी!

दीपक-सा जलता अन्तस्तल
संचित कर आँसू के बादल
लिपटी है इससे प्रलयानिल,
क्या यह दीप जलेगा तुझसे
भर हिम का पानी?
बताता जा रे अभिमानी!

चाहा था तुझमें मिटना भर
दे डाला बनना मिट-मिटकर
यह अभिशाप दिया है या वर;
पहली मिलन कथा हूँ या मैं
चिर-विरह कहानी!
बताता जा रे अभिमानी!