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मधुमालती / त्रिलोचन

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|संग्रह=चैती / त्रिलोचन
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झिझकती आँखों से
 
मैं ने तुम्हें परसा है
 
मधुमालती के फूल,
 
कहीं यह परस
 
तुम्हें खल न जाय
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