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"इक मेरी अख काशनी / पंजाबी" के अवतरणों में अंतर
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− | इक मेरी अख काशनी, | + | नी इक मेरी अख काशनी, |
− | दूजा रात दे उन्नींद्रे ने | + | दूजा रात दे उन्नींद्रे ने मारेआ, |
− | शीशे ते तरेड़ | + | शीशे ते तरेड़ पै गयी, |
− | वाल वौंदी ने | + | वाल वौंदी ने धयान जदों मारेआ, |
− | + | इक मेरी अख .... | |
इक मेरी सस्स चंदरी, | इक मेरी सस्स चंदरी, | ||
− | भैड़ी रोही दे | + | भैड़ी रोही दे किकर तों काली, |
− | + | गल्ले-कथ्थे वीर भुन्नदी | |
नाले दवे मेरे माँ-पयां नू गाली, | नाले दवे मेरे माँ-पयां नू गाली, | ||
− | नी क़ेहडा उस | + | नी क़ेहडा उस चंदरी दा, |
− | + | नी मैं लाचीयाँ दा बाग उजाड़आ, | |
− | + | इक मेरी अख काशनी... | |
− | + | दूजा मेरा दियोर निकड़ा, | |
− | + | भैड़ा गोरियाँ रन्ना दा शौंकी, | |
ढुक ढुक नेह्ड़े बैठदा, | ढुक ढुक नेह्ड़े बैठदा, | ||
रख सामणे रंगीली चौंकी, | रख सामणे रंगीली चौंकी, | ||
नी इस्से गल तों डरदी , | नी इस्से गल तों डरदी , | ||
− | + | अजे तीक वी न घुण्ड नूँ उतारया, | |
− | + | इक मेरी अख काशनी... | |
− | + | तीज़ा मेरा कंत ज़िम्वे, | |
− | रात चानड़ी च दुध | + | रात चानड़ी च दुध दा कटोरा, |
− | + | फिकड़े सिन्दूरी रंग दा, | |
− | ओदे नैणा च | + | ओदे नैणा च गुलाबी डोरा, |
नी इको गल माड़ी उसदी, | नी इको गल माड़ी उसदी, | ||
− | लाईलग नु है माँ ने | + | लाईलग नु है माँ ने विगाडिया। |
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04:35, 26 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण
♦ रचनाकार: अज्ञात
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नी इक मेरी अख काशनी,
दूजा रात दे उन्नींद्रे ने मारेआ,
शीशे ते तरेड़ पै गयी,
वाल वौंदी ने धयान जदों मारेआ,
इक मेरी अख ....
इक मेरी सस्स चंदरी,
भैड़ी रोही दे किकर तों काली,
गल्ले-कथ्थे वीर भुन्नदी
नाले दवे मेरे माँ-पयां नू गाली,
नी क़ेहडा उस चंदरी दा,
नी मैं लाचीयाँ दा बाग उजाड़आ,
इक मेरी अख काशनी...
दूजा मेरा दियोर निकड़ा,
भैड़ा गोरियाँ रन्ना दा शौंकी,
ढुक ढुक नेह्ड़े बैठदा,
रख सामणे रंगीली चौंकी,
नी इस्से गल तों डरदी ,
अजे तीक वी न घुण्ड नूँ उतारया,
इक मेरी अख काशनी...
तीज़ा मेरा कंत ज़िम्वे,
रात चानड़ी च दुध दा कटोरा,
फिकड़े सिन्दूरी रंग दा,
ओदे नैणा च गुलाबी डोरा,
नी इको गल माड़ी उसदी,
लाईलग नु है माँ ने विगाडिया।