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{{KKFilmRachna
|रचनाकार=राम सिंग सिंह ठाकुर
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<Poempoem>कदम् कदम् बढाये कदम कदम बढ़ाये जा , खुशी के गीत गाये जाये जिन्दगी है कौम् कि तु कौम् पे लुटाये जाकदम् कदम् बढाये जा खुशी के गीत गाये जाये जिन्दगी है कौम् कि तु कौम् क़ौम की, तू क़ौम पे लुटाये जा
तु शेर्शेर-ए-हिन्द् हिन्द आगे बढबढ़, मरने से तु फिर कभी ना डरतु शेर्-ए-हिन्द् आगे बढ, मरने से तु कभी ना डरउढाके दुश्मनो उड़ाके दुश्मनों का सर्सर, जोशे वतन् बढाये -वतन बढ़ाये जाउढाके दुश्मनो का सर्, जोशे वतन् बढाये कदम कदम बढ़ाये जा...
कदम् कदम् बढाये जा खुशी के गीत गाये हिम्मत तेरी बढ़ती रहे, खुदा तेरी सुनता रहेजो सामने तेरे खड़े, तू ख़ाक मे मिलाये जाये जिन्दगी है कौम् कि तु कौम् पे लुटाये कदम कदम बढ़ाये जा - (2)...
हिम्मत तेरी बढती रहे, खुदा तेरी सुनता रहेहिम्मत तेरी बढती रहे, खुदा तेरी सुनता रहेजो सामने तेरे खडे, तु खाख् मे मिलाये जाजो सामने तेरे खडे, तु खाख् मे मिलाये जा कदम् कदम् बढाये जा खुशी के गीत गाये जाये जिन्दगी है कौम् कि तु कौम् पे लुटाये जा - (2) चलो दिल्ली पुकार के, कौमी निशां सम्भाल केचलो दिल्ली पुकार के, कौमी क़ौमी निशां सम्भाल केलाल कीले किले पे गाड्केगाड़ के, लेहरायें लहराये जा लेहरायें लहराये जालाल कीले पे गाड्के, लेहरायें जा लेहरायें जा कदम् कदम् बढाये जा खुशी के गीत गाये जाये जिन्दगी है कौम् कि तु कौम् पे लुटाये कदम कदम बढ़ाये जा - (2)...
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