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बचपन / जगदीश व्योम

7 bytes added, 02:28, 16 अप्रैल 2010
इतने कठिन विषय कि छूटे पसीना
रात-दिन किताबों को घोट-घोट पीना
बचपन से दूर बहुत दूर हुए हम।।
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