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"भारतमाता ग्रामवासिनी / सुमित्रानंदन पंत" के अवतरणों में अंतर

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#REDIRECT [[भारतमाता / सुमित्रानंदन पंत]]
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|रचनाकार=सुमित्रानंदन पंत
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खेतों में फैला है श्यामल
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धूल भरा मैला-सा आँचल
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गंगा जमुना में आंसू जल
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मिट्टी कि प्रतिमा उदासिनी,
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भारतमाता ग्रामवासिनी
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दैन्य जड़ित अपलक नत चितवन
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अधरों में चिर नीरव रोदन
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युग-युग के तम से विषण्ण मन
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वह अपने घर में प्रवासिनी,
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भारतमाता ग्रामवासिनी
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तीस कोटी संतान नग्न तन
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अर्द्ध-क्षुभित, शोषित निरस्त्र जन
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मूढ़, असभ्य, अशिक्षित, निर्धन
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नतमस्तक तरुतल निवासिनी,
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भारतमाता ग्रामवासिनी
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स्वर्ण शस्य पर पद-तल-लुंठित
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धरती-सा सहिष्णु मन कुंठित
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क्रन्दन कम्पित अधर मौन स्मित
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राहु ग्रसित शरदिंदु हासिनी,
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भारतमाता ग्रामवासिनी
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चिंतित भृकुटी क्षितिज तिमिरान्कित
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नमित नयन नभ वाष्पाच्छादित
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आनन श्री छाया शशि उपमित
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ज्ञानमूढ़ गीता-प्रकाशिनी,
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भारतमाता ग्रामवासिनी
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सफ़ल आज उसका तप संयम
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पिला अहिंसा स्तन्य सुधोपम
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हरती जन-मन भय, भव तन भ्रम
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जग जननी जीवन विकासिनी,
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भारतमाता ग्रामवासिनी
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19:25, 28 अप्रैल 2010 के समय का अवतरण