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पीड़ा तीखी उठी हृदय में औ' उदास हो गया मन
जीवन भर अब बसा रहेगा मेरे भीतर यह क्षण ।।
 
'''मूल रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
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