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गलने लगा हिमालय लज्जा से सागर चिंघाड़ रहा / गुलाब खंडेलवाल
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17:07, 5 जून 2010
{{KKRachna
|रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल
|संग्रह=गाँधी
-
भारती / गुलाब खंडेलवाल
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[[category: कविता]]
Vibhajhalani
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