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"किताबों की दुनिया / मुकेश मानस" के अवतरणों में अंतर
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16:22, 6 जून 2010 के समय का अवतरण
कुछ किताबों में कांटे होते है
जिन्हें खोलते ही कांटे
आंखों में चुभ जाते हैं
कुछ किताबों में फूल होते हैं
जिन्हें खोलते ही
दिल में समा जाते हैं
अच्छी किताब
फूलों की किताब होती है
जिसके हर वरके पर
मुहब्बत की गंध् होती है
रचनाकाल:1988