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बात बोलेगी / शमशेर बहादुर सिंह
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,
13:37, 26 अप्रैल 2007
क्या-देखें!<br>
सत्य का
रूख
रूख़
<br>समय का
रूख
रूख़
हैः<br>
अभय जनता को<br>
सत्य ही सुख है<br>
सत्य ही सुख।<br>
दैन्य दानव
;
काल<br>
भीषण; क्रूर<br>
स्थिति; कंगाल<br>
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Hemendrakumarrai