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00:15, 21 जून 2010 का अवतरण
मुनव्वर राना
www.kavitakosh.org/mrana
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जन्म | 26 नवंबर 1952 |
---|---|
उपनाम | |
जन्म स्थान | रायबरेली, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
माँ, ग़ज़ल गाँव, पीपल छाँव, बदन सराय, नीम के फूल, सब उसके लिए, घर अकेला हो गया, कहो ज़िल्ले इलाही से, बग़ैर नक़्शे का मकान, फिर कबीर | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
मुनव्वर राना / परिचय | |
कविता कोश पता | |
www.kavitakosh.org/mrana |
- माँ / मुनव्वर राना (ग़ज़ल संग्रह)
- घर अकेला हो गया / मुनव्वर राना (ग़ज़ल संग्रह)
- बदन सराय / मुनव्वर राना (ग़ज़ल संग्रह)
- फिर कबीर / मुनव्वर राना (ग़ज़ल संग्रह)
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- इतनी तवील उम्र को जल्दी से काटना / मुनव्वर राना
- पैरों में मिरे दीद-ए-तर बांधे हुए हैं / मुनव्वर राना
- रोने में इक ख़तरा है तालाब नदी हो जाते हैं / मुनव्वर राना
- जब कभी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है / मुनव्वर राना
- गले मिलने को आपस में दुआएँ रोज़ आती हैं.. / मुनव्वर राना
- नुमाइश के लिए गुलकारियाँ दोनों तरफ़ से हैं / मुनव्वर राना
- थकी माँदी हुई बेचारियाँ आराम करती हैं / मुनव्वर राना
- मेरी ख़्वाहिश है कि फिर से मैं / मुनव्वर राना
- कुछ अशआर / मुनव्वर राना
- चौपदियाँ / मुनव्वर राना
- हर एक आवाज़ अब उर्दू को फ़रियादी बताती है / मुनव्वर राना
- हाँ इजाज़त है अगर कोई कहानी और है / मुनव्वर राना
- हर एक चेहरा यहाँ पर गुलाल होता है / मुनव्वर राना
- चंद शेर / मुनव्वर राना
- बहुत पानी बरसता है / मुनव्वर राना
- कई घरों को निगलने के बाद आती है / मुनव्वर राना
- मुहाजिर हैं मगर हम एक दुनिया छोड़ आए हैं / मुनव्वर राना
- इश्क है तो इश्क का इजहार होना चाहिये / मुनव्वर राना
- जहां तक हो सका हमने तुम्हें परदा कराया है / मुनव्वर राना
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