भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मनोज मोक्षेन्द्र" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
पंक्ति 48: | पंक्ति 48: | ||
* [[घटाएं बख्शीश देती हैं / मनोज श्रीवास्तव ]] | * [[घटाएं बख्शीश देती हैं / मनोज श्रीवास्तव ]] | ||
* [[आइए, कुछ नया करें / मनोज श्रीवास्तव ]] | * [[आइए, कुछ नया करें / मनोज श्रीवास्तव ]] | ||
+ | * [[पगडंडियाँ / मनोज श्रीवास्तव ]] |
14:32, 22 जून 2010 का अवतरण
मनोज श्रीवास्तव
जन्म | 08 अगस्त 1970 |
---|---|
उपनाम | |
जन्म स्थान | वाराणसी, उत्तरप्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
पगडंडियाँ, चाहता हूँ पागल भीड़, परकटी कविताओं की उड़ान् (सभी कविता-संग्रह) | |
विविध | |
कहानी, नाटक, व्यंग्य आदि भी लिखते हैं। दो कहानी संग्रह (धर्मचक्र राजचक्र और पगली का इन्कलाब), एक व्यंग्य संग्रह (अक्ल का फलसफा), प्रकाशित श्री सुरेन्द्र अरोड़ा और श्री राधा चरण विद्यार्थी द्वारा संपादित कहानी संग्रहों में कहानियों का संकलन, भगवत प्रसाद स्मृति कहानी सम्मान् (2002)(प्रथम स्थान), राजभाषा संस्थान द्वारा सम्मानित, नतन प्रतिबिंब" (राज्य सभा की पत्रिका) के संपादक | |
जीवन परिचय | |
मनोज श्रीवास्तव / परिचय |
<sort order="asc" class="ul">
- उम्मीद का आम्रतरु / मनोज श्रीवास्तव
- कोई ख़ास ख़बर नहीं है / मनोज श्रीवास्तव
- यह माँ के आने का संकेत है / मनोज श्रीवास्तव
- मंदिर में लड़की / मनोज श्रीवास्तव
- गंध एक यात्रा है / मनोज श्रीवास्तव
- गंध-परिसर / मनोज श्रीवास्तव
- नीम से... / मनोज श्रीवास्तव
- अपूरित प्रार्थनाएँ / मनोज श्रीवास्तव
- इस रेखांकित समय में / मनोज श्रीवास्तव
- बारूद और बच्चे / मनोज श्रीवास्तव
- शनि मंदिर में/ मनोज श्रीवास्तव
- एक नदी यह भी / मनोज श्रीवास्तव
- दुआरे रामदुलारी / मनोज श्रीवास्तव
- बैलगाड़ियों के पाँव / मनोज श्रीवास्तव
- शब्दों की पीढियां / मनोज श्रीवास्तव
- बूढ़ा होता मन / मनोज श्रीवास्तव
- वह जो असंभव है / मनोज श्रीवास्तव
- मकड़ी / मनोज श्रीवास्तव
- होने तक / मनोज श्रीवास्तव
- लालटेन / मनोज श्रीवास्तव
- डिठौना / मनोज श्रीवास्तव
- भूलने का रिवाज़ / मनोज श्रीवास्तव
- धरती की घटती तितिक्षा / मनोज श्रीवास्तव
- एक देवता का अनैतिक प्रेम-व्यापार / मनोज श्रीवास्तव
- कनाट सर्कस / मनोज श्रीवास्तव
- अबला-१. तूफ़ान के दिन / मनोज श्रीवास्तव
- अबला-२. गैंग रेप के बाद / मनोज श्रीवास्तव
- अबला-३.परित्यक्ता बनने के बाद / मनोज श्रीवास्तव
- अबला- ४. महा नगर में भटकने पर / मनोज श्रीवास्तव
- सवाल / मनोज श्रीवास्तव
- कमबख्त हिन्दुस्तानी / मनोज श्रीवास्तव
- उसने कहा... / मनोज श्रीवास्तव
- घटाएं बख्शीश देती हैं / मनोज श्रीवास्तव
- आइए, कुछ नया करें / मनोज श्रीवास्तव
- पगडंडियाँ / मनोज श्रीवास्तव