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"खादी के फूल / सुमित्रानंदन पंत" के अवतरणों में अंतर

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* [[अंतर्धान हुआ फिर देव विचर धरती पर / सुमित्रानंदन पंत]]
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* [[हाय, हिमालय ही पल में हो गया तिरोहित / सुमित्रानंदन पंत]]
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* [[आज प्रार्थना से करते तृण तरु भर मर्मर / सुमित्रानंदन पंत]]
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* [[हाय, आँसुओं के आँचल से ढँक नत आनन / सुमित्रानंदन पंत]]
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* [[हिम किरीटिनी, मौन आज तुम शीश झुकाए / सुमित्रानंदन पंत]]
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* [[देख रहे क्या देव, खड़े स्वर्गोच्च शिखर पर / सुमित्रानंदन पंत]]
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* [[देख रहा हूँ, शुभ्र चाँदनी का सा निर्झर / सुमित्रानंदन पंत]]
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* [[देव पुत्र था निश्वय वह जन मोहन मोहन / सुमित्रानंदन पंत]]
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* [[देव, अवतरण करो धरा-मन में क्षण, अनुक्षण / सुमित्रानंदन पंत]]
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* [[दर्प दीप्त मनु पुत्र, देव, कहता तुमको युग मानव / सुमित्रानंदन पंत]]
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* [[प्रथम अहिंसक मानव बन तुम आये हिंस्र धरा पर / सुमित्रानंदन पंत]]
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* [[सूर्य किरण सतरंगों की श्री करतीं वर्षण / सुमित्रानंदन पंत]]
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* [[राजकीय गौरव से जाता आज तुम्हारा अस्थि फूल रथ / सुमित्रानंदन पंत]]
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20:28, 23 जून 2010 का अवतरण

खादी के फूल
Khadikephool.jpg
रचनाकार सुमित्रानंदन पंत
प्रकाशक भारती भंडार, लीडर प्रेस, प्रयाग
वर्ष १९४८
भाषा हिन्दी
विषय कविताएँ
विधा गीत
पृष्ठ १६९
ISBN
विविध यह सुमित्रानंदन पंत और हरिवंशराय "बच्चन" जी का संयुक्त कविता संग्रह है।
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।