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"उत्तर दो / रमेश कौशिक" के अवतरणों में अंतर

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<poem>'''उत्तर दो'''<br /><br />यदि तीसरा विश्व-युद्ध हुआ<br />तो आदमी बच जायेगा<br />अब मैं आश्वस्त हूँ<br />क्योंकि मरने से पहले आदमी<br />अपनी पौध<br />परखनली में उगाकर<br />मंगल और चांद पर भेज जाएगा।<br /><br />लेकिन आदमियत पैदा होगी <br />कौनसी परखनली के भीतर<br />इसका कुछ उत्तर दो<br />ऐ मेरे ईश्वर!</poem>
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<poem>यदि तीसरा विश्व-युद्ध हुआ<br />तो आदमी बच जायेगा<br />अब मैं आश्वस्त हूँ<br />क्योंकि मरने से पहले आदमी<br />अपनी पौध<br />परखनली में उगाकर<br />मंगल और चांद पर भेज जाएगा।<br /><br />लेकिन आदमियत पैदा होगी <br />कौनसी परखनली के भीतर<br />इसका कुछ उत्तर दो<br />ऐ मेरे ईश्वर!</poem>

00:30, 26 जून 2010 के समय का अवतरण

यदि तीसरा विश्व-युद्ध हुआ
तो आदमी बच जायेगा
अब मैं आश्वस्त हूँ
क्योंकि मरने से पहले आदमी
अपनी पौध
परखनली में उगाकर
मंगल और चांद पर भेज जाएगा।

लेकिन आदमियत पैदा होगी
कौनसी परखनली के भीतर
इसका कुछ उत्तर दो
ऐ मेरे ईश्वर!