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"घन-कुरंग / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर

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नभ में चौकडियां भरें भले
 
नभ में चौकडियां भरें भले
  
            शिशु घन-कुरंग
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शिशु घन-कुरंग
  
 
खिलवाड देर तक करें भले
 
खिलवाड देर तक करें भले
  
            शिशु घन-कुरंग
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लो, आपस मेन गुथ गये खूब
 
लो, आपस मेन गुथ गये खूब
  
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शिशु घन-कुरंग
  
 
लो, घटा जल में गये डूब
 
लो, घटा जल में गये डूब
  
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शिशु घन-कुरंग
  
 
लो, बूंदें पडने लगीं, वाह
 
लो, बूंदें पडने लगीं, वाह
  
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लो, कब की सुधियां जगीं, आह
 
लो, कब की सुधियां जगीं, आह
  
            शिशु घन-कुरंग
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पुरवा सिह्की, फिर दीख गये
 
पुरवा सिह्की, फिर दीख गये
  
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शिशु घन-कुरंग
  
 
शशि से शरमाना सीख गये
 
शशि से शरमाना सीख गये
  
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शिशु घन-कुरंग
  
 
१९६४ में लिखी गई
 
१९६४ में लिखी गई

22:06, 29 अप्रैल 2007 का अवतरण

नागार्जुन कवितायें नागार्जुन

नभ में चौकडियां भरें भले

शिशु घन-कुरंग

खिलवाड देर तक करें भले

शिशु घन-कुरंग

लो, आपस मेन गुथ गये खूब

शिशु घन-कुरंग

लो, घटा जल में गये डूब

शिशु घन-कुरंग

लो, बूंदें पडने लगीं, वाह

शिशु घन-कुरंग

लो, कब की सुधियां जगीं, आह

शिशु घन-कुरंग

पुरवा सिह्की, फिर दीख गये

शिशु घन-कुरंग

शशि से शरमाना सीख गये

शिशु घन-कुरंग

१९६४ में लिखी गई