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कार्यकर्ता से / लीलाधर जगूड़ी
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05:05, 9 जुलाई 2010
अब तो और भी महान् हो गई है
भारतीय जनता
किस जनता से किस जनता तक जाने में
किस जनता को किस जनता तक लाने में
कितनी कठिनाई होती है इस जाड़े में ।
</poem>
अनिल जनविजय
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